ऋद्धि प्राप्त साधु को ऋषि कहते है। उत्तम चारित्र वाले मुनियों के ये नाम है – श्रमण, संयत, ऋषि, मुनि, साधु, वीतराग, अनगार, भदंत, दांत, यति ।
ऋषि चार प्रकार के कहे गये है- राजर्षि, ब्रह्मर्षि, देवर्षि और परमर्षि । विक्रिया और अक्षीण शक्ति प्राप्त साधु राजर्षि कहलाते है। बुद्धि व औषधि ऋद्धि युक्त साधु ब्रह्मर्षि कहलाते है। आकाशगामी ऋद्धि सम्पन्न देवर्षि कहलाते है औ विश्ववेदी केवलज्ञानी अर्हन्त भगवान परमर्षि कहलाते है।