पूज्यश्री का नाम –मुनि परम पूज्य १०८ श्री विजयभद्र जी महाराज
जन्मस्थान – कोकटनूर लालुका, जयणी, (बेलगाँव)
जन्मतिथि व दिनाँक – १० फरवरी, १९३७
जाति – दिगम्बर जैन चतुर्थ
गोत्र – उच्च गोत्र
माता का नाम श्रीमति पदमावती नानप्पा विरगौड
पिता का नाम श्री नानप्पा मुताथा विरगौड
लौकिक शिक्षा – कन्नड ३ वी पास
आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत/प्रतिमा-व्रत ग्रहण करने का विवरण – १९७५ में आजीव ब्रह्मचर्य व्रत लिया और आज तक निर्वाहण चल रहा है। १९७८ से १९८१ तक
प्रतिमा निभाया द्वारा – आचार्य कल्प श्री १०८ सुब्रतासागर जी महाराज
क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान –१४ फरवरी, १९८१, गणेशवाडी (कोल्हापुर)
क्षुल्लक/क्षुल्लिका दीक्षा गुरु – परम पूज्य १०८ श्री महाबल महाराज जी
ऐलक दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – परम पूज्य १४ मार्च, १९८९ श्री क्षेमबाहुबली (कोल्हापुर) ऐलक दीक्षा गुरु – परम पूज्य १०८ श्री महाबल महाराज जी
अन्य विशेष जानकारी – जन्म से कन्नड में। और लौकिक शिक्षण भी थोडा सा, फिर भी जिनवाणी,की आश पवासे संस्कृत अच्छी तरह से जानते हैं भगवती आराधना,मरठकंटिका, तत्त्वार्थ सूत्र, छह ढाला, समयसार आदि ग्रंथ कन्नड और संस्कृत भाषा में अध्ययन किया है। शांत स्वभावी और निशपरीगृह और आभिक निरस आहर लेते हैं।
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