गणितीय ज्ञान
आज से करोड़ो वर्ष पूर्व भगवान ऋषभदेव ने युग की आदि में सर्वप्रथम अपनी ब्राह्मी-सुन्दरी पुत्रियों को विद्याध्ययन कराते हुए बायें हाथ से सुन्दरी पुत्री को १,२,३ आदि अंकविद्या को प्रादुर्भूत किया । तभी से निरन्तर यह विद्या चली आ रही है जिसे आज गणित ज्ञान कहा जाता है।
इस ज्ञान से वह घोतित होता है कि आज से करोड़ो वर्ष पूर्व ही भगवान ऋषभदेव ने नारियों को शिक्षा के क्षेत्र में प्राथमिकता देते हुए शिक्षा का सूत्रपात अपनी दोनों पुत्रियों से किया ।