आठो द्रव्यों को मिलाकर बना हुआ द्रव्य अर्घ्य कहलाता है। जैनागम में पूजा विधान करने में अष्टद्रव्य से पूजन का उल्लेख मिलता है। जल, चन्दन, अक्षत, सुगन्धित पुष्प, नैवेध, दीप, धूप, फल यह अष्टद्रव्य है और इन आठो वस्तुओं को मिलाकर अर्घ्य बनता है जिससे देव, शास्त्र, गुरू की पूजा- वन्दन करते है।
अर्घ्य द्वारा किया गया दर्शन प्रत्येक व्यक्ति को इस भव में सुखी करने के साथ -२ परभव में भी उत्तमोत्तम सुखो की प्राप्ति करवाता है।