तलवार, धनुष आदि शास्त्र विद्या में निपुण होना असि क्रिया है।
युग की आदि में प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव ने कल्पवृक्षों के लोप हो जाने और कर्मभूमि के प्रारम्भ में प्रजा को आजीविका यापन हेतु असि, मषि, कृषि, विद्या, वाणिज्य और शिल्प ये षट्क्रियाएं सिखायीं जिनमें से यह प्रथम क्रिया है।
इन षट्क्रियाओं के द्वारा आज भी हम अपना जीवन यापन कर रहे है।