चौदह भेद रूप जीव घात से और अट्ठाईस इन्द्रिय विषयों से विरत नहीं होने को असंयम कहते है। चारित्रमोह के उदय से होने वाली हिंसादि और इन्द्रिय विषयों में प्रवृत्ति असंयम है। व्रत के अभाव रूप जो भाव हैं वह असंयम माना गया है।