जैनागम में पंचास्तिकाय बहुत प्रसिद्ध है। जीव, पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल ये छ: द्रव्य स्वीकार किये गये है इनमें कालद्रव्य तो परमाणु मात्र प्रमाण वाला होने से कायवान नहीं है। शेष पांच द्रव्य अधिक प्रमाण वाले होने के कारण कायवान हैं। वे पांच ही अस्तिकाय कहे जाते हैं।
जो अस्ति-विद्यमान हो अर्थात् सत् लक्षण वाला हो उसे अस्ति कहते है और बहु प्रदेशों को काय कहते है।