किसी एक व्यक्ति में विशेष रूप से होने वाला वृत्तित्व ही असाधारण है। अलौकिक, अद्भुत आदि इसके पर्यायवाची नाम है।
उदाहरणार्थ तीर्थंकर भगवान के चौतीस अतिशय, आङ्ग प्रातिहार्य, अनन्त चतुष्टय अङ्गारह गुण आदि तथा चक्रवर्ती का वैभव आदि असाधारण गुण है जो सामान्य व्यक्ति में नहीं पाये जाते हैं।
परम पूज्य गणिनी ज्ञानमती माताजी का आसाधारण गुण उनके द्वारा लिखित अनेक ग्रन्थादि है क्योंकि उन्होनें मात्र ३ कक्षा तक अध्ययन किया ।