जो अपने अन्दर सर्व द्रव्यों को समाने की शक्ति रखता है यद्यपि यह अखण्ड है पर इसका अनुमान कराने के लिए इसमें प्रदेशों रूप खण्डों की कल्पना कर ली जाती हैं । यह स्वयं तो अनन्त हैं परन्तु इसके मध्यवर्ती कुछ मात्र भाग में ही अन्य द्रव्य अवस्थित हैं उसके इस भाग का नाम लोक है और उसके बाहर सब अलोक है ।