भारत वर्ष के उत्तर प्रदेश में लखनऊ के पास अवध प्रान्त है जो कि वर्तमान चौबीसी के अट्ठारह तीर्थंकरों की जन्मभूमि है। इसी अवधप्रान्त में अनादि निधन एवं अनन्तनान्त तीर्थंकरों की शाश्वत जन्मभूमि अयोध्या है जहां वर्तमान में हुण्डावसर्पिणी काल दोषवश पांच तीर्थंकरो ने जन्म लिया।
यह प्रान्त एक धर्मपरायण प्रान्त हैं जहां से अनेक त्यागी व्रती निकले हैं और धर्मसेवा में तत्पर रहते हुए अपनी आत्मा का कल्याण कर रहें है। इसी अवध प्रान्त के बाराबंकी जिले में टिकैटनगर नामक ग्राम है जहाँ जन्मी जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी परम पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने बीसवीं शताब्दी में कुमारिकाओं के लिए त्याग का मार्ग प्रशस्त किया, अनेकों तीर्थों का उद्धार किया एवं अनेकों ग्रन्थों की रचना की। प्राचीन काल में जब मुस्लिम शासन था तब यह नवाबों की नगरी मानी जाती थी।