1.01 मूलाचार :
मूलाचार : (श्रीवसुनंदिसिद्धान्तचक्रवर्तिविरचितया आचारवृत्ति सहित) मंगलाचरण गणिनी ज्ञानमती कृत हिन्दी-भाषा टीका का मंगलाचरण एवं पीठिकाव्याख्यान णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं।णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्वसाहूणं।।अर्हन्तो मंगलं कुर्यु:, सिद्धा: कुर्युश्च मंगलम्।आचार्या: पाठकाश्चापि, साधवो मम मंगलम्।।१।। मंगलं भगवानर्हन्, मंगलं वृषभेश्वर:।मंगलं सर्वतीर्थेशा, जैनधर्मोऽस्तु मंगलम्।।२।। मंगलाचरण अर्थ-लोक में सभी त्रैकालिक अरहंतों को नमस्कार हो। लोक में त्रैकालिक सभी सिद्धों...