Heart is afraid of faith, life is afraid of future. This makes us to bow down before the stone and we go on bowing down to deceive ourselves.
मन को भाग्य का और जीवन को भविष्य का भय बना रहता है ! जो पत्थर के सामने झुकने पर विवश करता है, और हम झुकते चले जाते हैं।