टोंक जिले मे अतिशय क्षेत्रों की एक लम्बी श्रृंखला है। आज सबसे पहले पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र निमोला को प्रस्तुत कर रहा हूँ।
यहाँ मुलनायक भगवान पार्श्वनाथ की नों फणी सफ़ेद संगमरमर की पद्मासन प्रतिमा विराजमान हैं.
यह क्षेत्र N H 52 पर टोंक से 20 K m है । यातायात के पर्याप्त साधन है। गाँव भले ही छोटा है पर अतिशय विशाल है। गाँव मे मिली जानकारी के अनुसार यह क्षेत्र लगभग 450 साल प्राचीन है। रियासत काल मे यह उनियारा ठिकाने मे आता था उस समय ठिकाने वालो ने क्षेत्र के लिए करीब 6बीघा काश्त जमीन डोहली के रूप मे दी थी।
गाँव मे श्रावको की संख्या कम है पर टोंक सहित आसपास के श्रावक क्षेत्र के विकास मे हमेशा प्रयास रत रहते है जिनमे श्री कपूर चंद पाटोदी, बाबू लाल जैन एवम अशोक कुमार सहित अनेक श्रावक के नाम प्रमुख है।
मंदिर मे आस्था का ही परिणाम है कि आये दिन विधानों का आयोजन होता ही रहता है।
इस क्षेत्र के पास ही एक दूसरा अतिशय क्षेत्र सांखला है जहाँ भगवान शाँतिनाथ की अलौकिक प्रतिमा विराजमान है।
अतिशय क्षेत्र निमोला मे भगवान पारसनाथ जी अद्भुत प्रतिमा विराजमान है। कहा जाता है कि मंदिर जी मे रात को देव आकर के नृत्य करते है जिसकी आवाज लोगो ने सुनी है।
गाँव के जैन अजैन सभी की आस्था मंदिर जी से जुड़ी हुई है।
जय हो निमोला वाले पारस नाथ जी की। आप सभी से निवेदन है समय निकाल कर इस अद्भुत एवम अलौकिक दर्शन करने का भाव जरूर बनाये