।। श्री वीतरागाय नमः ।।
आज के इस भागदौड की जिंदगी में इन्सान का सबसे बड़ा और सबसे सुंदर सपना (ख्वाब) होता है उसका एक छोटा सा प्यारा सा अपना एक घर ! बहुत बार ऐसा होता है कि अपनी जिंदगी की पूरी कमाई लगाने के बावजूद उसकी जिंदगी की शाम होने तक वो दो,तीन कमरे का ही मकान बना पाता है, लेकिन उसी छोटे से, प्यारे से अपने घर में अगर उसे सुख,शांती, समृद्धि मिले तो उसका मन बागबाग हो उठता है । इस तरह सोचना ये एक सहज (Normal) बात है । कुछ लोगों को तो ये सुख मिल पाता है पर कुछ लोग इन खुशियो से कोसों दूर दिखाई देते हैं । कोई गलती न होते हुए भी ईमानदारी से पूरी कोशिश करने के बावजूद उन्हें यह खुशी नही मिल पाती । ऐसे समय हमारी कहीं कोई गलती हो रही है क्या, हम कहीं पर चूक रहे हैं क्या, ये बात मन में आना भी सहज है । हमें हमारे इन सवालों का जवाब मिल सकता है । हमारे प्यारे से घर में जहां हमने सपने देखे, जिस घ रको, वास्तु को हमने अपने हाथो से संजोया,उस वास्तु में किसी प्रकार की त्रुटि रह गई हो तो जिसके बदलाव से हमारा जीवन एक नई मंजिल की ओर अपने कदम बढ़ा सकता है । हमारी एक छोटी सी कोशिश, एक छोटा सा बदलाव हमारी पूरी जिंदगी का रूप पलटकर रख सकता है ।
घर का वास्तु कैसा हो ?”क्रमश:…