टोंक जिले के अति प्राचीन अतिशय क्षेत्र ग्राम साखना में भगवान शांति नाथ कि चतुर्थ कालीन प्रतिमा है|यह मंदिर सैकड़ो वर्ष प्राचीन है तथा यहाँ तीन वेदियाँ है| मंदिर लगभग 435 वर्ष पूर्व संबत 1631में शाह गोत्रीय श्रेष्ठि श्रावक द्वारा बनवाया गया था|साक्ष्य स्वरूप मंदिर में प्राचीन लिपि में उत्कीर्ण दो शीलालेख है |भट्टारक चन्द्रकीर्ति ने चार मंदिरो साखना ,लावा ,हरसोली एवं बांद्रा सिन्दरी कि प्रतिष्ठा करवाई|
गुजरात से परास्त होकर सोलंकी राजपूत भगवान शांतिनाथ के शरणार्थ साखना आये एवं उन्हे इष्ट मान पूजा क़ी|मुगल सेनाओ द्वारा मुर्तिया तोड़े जीने से बचने हेतु प्रतिमा अनयंत्र ले जाने का प्रयास किये जाने पर प्रतिमा टस से मस नहीं हुई तथा अधिक प्रयास करने पर जनेउ के आकर में फट गई |
क्षेत्र में उपलब्ध सुविधा : दो मंजिला धर्मशाला सर्वसुविधा युक्त है|
श्री 1008 श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र साख़ना में आयोजित 447वें वार्षिक उत्सव एवं दो दिवसीय मेला समारोह के तहत रविवार को प्रातः आचार्य इंद्र नंदी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में भगवान शांतिनाथ का अभिषेक एवं शांतिधारा कर नित्य नियम पूजा की गई वार्षिक उत्सव के तहत भगवान शांतिनाथ की 108 कलशों से रिद्धि मंत्रों का वाचन करते हुए वृहद शांतिधारा की गई श्री जी का प्रथम अभिषेक एवं शांतिधारा स्वर्णझारी से करने का सौभाग्य प्रकाश सोनी एवं चांदीझारी श्री नारायण को मिला
प्रबंध समिति के अध्यक्ष प्रकाश सोनी एवं मंत्री प्यार चंद जैन ने बताया कि वार्षिक उत्सव के तहत श्रीजी को मस्तक पर धारण कर मंदिर परिसर में ही शोभा यात्रा निकाली गई समाज के महिला-पुरुष भाव विभोर होकर श्री जी के जयकारे लगा रहे थे शोभायात्रा के पश्चात श्री जी को समोशरण में विराजमान कर श्री जी की भक्ति भाव के साथ पूजा कर अष्ट द्रव्य चढ़ाए गए उपस्थित भक्तों के जयकारों के बीच श्रीजी का जलाभिषेक किया गया जलाभिषेक से प्राप्त गंधोदक को श्रद्धालुओं ने अपने मस्तक पर लगाकर भगवान से आशीर्वाद लिया एवं श्री जी की आरती की गई
प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष मनीष बज ने बताया कि अतिशय क्षेत्र पर आचार्य इंद्र नंदी महाराज ससंघ का चातुर्मास चल रहा है वार्षिक उत्सव के अवसर पर आचार्य संघ का पिच्छीका परिवर्तन समारोह आयोजित किया गया जिसके तहत सभी मुनियों एवं आर्यिकाओं को नई पिच्छीका भेंट की गई आचार्य इंद्र नंदी -प्रकाश सोनी रानी सोनी, क्षमानंदी-प्यार चंद सुनीता जैन, निर्पूणनंदी- प्रेम जैन,निर्भयनंदी- महावीर रेशम देवी,आर्यिका मुक्तिश्री -नारायण,कनकश्री- बाबूलाल कैलाशी देवी, जयश्री-महावीर सांखना, शुद्धमती- प्रकाश पाटनी प्रेम देवी, विनम्रनंदी-प्रकाश पटवारी, संयमश्री- नरेन्द साखना को पिच्छीका भेंट करने का सौभाग्य मिला इस अवसर पर मुनि निर्पूणनंदी महाराज को “बालाचार्य”के पद से अलंकृतकिया गया
चातुर्मास काल में अतिशय क्षेत्र पर रहकर साधुओं की निरंतर सेवा करने वाले प्रकाश सोनी रानी सोनी का समाज की ओर से विशेष सम्मान किया गया इसी क्रम में आहार चर्या में माया लक्ष्मी ज्योति शिल्पा वर्षा द्वारा सराहनीय कार्य करने के लिए प्रबंध समिति की ओर से सभी का स्वागत एवं सम्मान किया गया
आशीर्वचन में आचार्य ने कहा कि मानव को सदैव धर्म का पालन करते रहना चाहिए धर्म का साथ नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि अंतिम समय में धर्म ही आपके साथ जाएगा
समिति के प्रकाश पटवारी ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण समस्त कार्यक्रम अत्यंत सादगी पूर्ण एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन को मध्य नजर रखते हुए मनाए गए कार्यक्रम मे टोंक,निवाई, नगर,टोडा, छान,भरनी,धुँआ देवड़ावास , जयपुर ,मालपुरा, केकडी ,देवली, नानेर,बनेठा, अलीगढ़, उनियारा,एवं आस-पास के गांवो के श्रद्धालू मौजूद थे