| पूर्व का नाम | बाल ब्रह्मचारिणी नलिनी जी ‘नीलू’ |
| पिता का नाम | श्री जय प्रकाश जी जैन |
| माता का नाम | श्रीमती द्रोपदी जी जैन |
| भाई – बहिन के नाम | (१) आपका क्रम |
| जन्म के क्रम से | (२) श्री विकास |
| जन्म/ दिनांक/तिथि | १७-०५-१९६६, ज्येष्ठ कृष्ण १२, मंगलवार |
| दिन/स्थान/समय | वी.सं. २०२३, दिल्ली |
| शिक्षा (लौकिक/धार्मिक) | हायर सेकेण्डरी (१२वी) |
| ब्रह्मचर्य व्रत दिनांक | १०-१०-१९८३ |
| दिन/तिथि/स्थान | ईसरी (झारखंड) |
| प्रतिमा (कब/कहाँ) | दस प्रतिमा, ०१-०१-१९९७ श्री दिग.जैन सिद्धक्षेत्र गिरनार जी (गुजरात) |
| आर्यिका दीक्षा दिनांक | १८-०८-१९९७ श्रावण शुक्ल पूर्णिमा सोमवार, वी.सं. २०५४ (रक्षाबंधन के दिन) |
| दिन/तिथि/स्थान | श्री दिग. जैन सिद्धोदय सिद्धक्षेत्र रेवातट नेमावर जिला देवास (म.प्र.) |
| दीक्षा गुरु | आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज |
| वर्तमान मे संघस्थ | संघ प्रमुख |
| विशेष | आपकी सीधी आर्यिका दीक्षा हुई| आपके सानिध्य मे अनेक महाविधान, मंदिर शिलान्यास, वेदी प्रतिष्ठा आदि मांगलिक कार्य हुए| आपके द्वारा मूकमाटी पार विशेष रचना की गई है | भगवती आराधना ग्रंथ पार आचार्य श्री की वाणी का कार्य जारी है | |
