Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
कभी तू माता लगती है, कभी तू बाला लगती है!
June 15, 2020
भजन
jambudweep
कभी तू माता लगती है
तर्ज—कभी तू……
कभी तू माता लगती है, कभी तू बाला लगती है।
कभी उजियाला लगती है, ज्ञान का प्याला लगती है।।
जय माता की, बोलो जय माता की……
तू सरस्वती मां की प्रतिमूरत लगती है।
प्रभु आदिनाथ की पुत्री जैसी सूरत लगती है।।
कभी तू माता लगती है, कभी तू बाला लगती है।
कभी उजियाला लगती है, ज्ञान का प्याला लगती है।।
कभी तू माता लगती है……।। टेक.।।
तीर्थंकर की धरती पर जनम लिया है तुमने।
धरती औ नभ के चन्दा का मिलन हुआ आपस में।।
तू शारद माता की प्रतिमूरत लगती है।
मां ब्राह्मी जैसी तेरी कुछ-कुछ सूरत लगती है।।
कभी तू माता लगती है……।।१।।
तीर्थंकर की ही धरती पर जम्बूद्वीप बनाया।
जप तप करके उसी भूमि का जीर्णोद्धार कराया।।
जिनवाणी माँ की तू प्रतिमूरत लगती है।
माँ ब्राह्मी जैसी तेरी कुछ-कुछ सूरत लगती है।।
कभी तू माता लगती है……।।२।।
Tags:
Gyanmati mata ji
Previous post
गर्भकल्याणक गीत!
Next post
एक अकलंक धरती पे आया है फिर!
Related Articles
गृह त्याग और क्षुल्लिका जीवन
February 27, 2018
jambudweep
चन्दना सुनाती ज्ञानमती की कथा!
June 15, 2020
jambudweep
हस्तिनापुर में जंबूद्वीप निर्माण कार्य
September 19, 2017
jambudweep
error:
Content is protected !!