Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
काकन्दी तीर्थ की आरती!
September 28, 2020
जिनेन्द्र भक्ति
jambudweep
काकन्दी तीर्थ की आरती
तर्ज—मिलो न तुम तो………….
पुष्पदंत जिन जन्मभूमि, काकन्दी तीरथ प्यारा, उतारें आरती-२।।
सुर नर वंदित तीर्थ हमारा, काकन्दी जी न्यारा, उतारें आरती।।टेक.।।
चौबीस तीर्थंकर में, पुष्पदंत स्वामी नवमें जिनवर हैं।।हो……
काकन्दी नगरी तब से, पावन बनी जो सुर नर वंदित है।।हो……
इन्द्र, मनुज भी इस नगरी को, शत-शत शीश झुकाएँ, उतारें आरती।।१।।
जयरामा माता और सुग्रीव पितु का शासन था जहाँ।हो…….
जन्मे तो उस क्षण पूरा, स्वर्ग ही उतरकर आया था वहाँ।।हो…..
चार-चार कल्याणक से पावन नगरी को ध्याएँ, उतारें आरती।।२।।
बीते करोड़ों वर्षों, फिर भी धरा वह पूजी जाती है।हो……
धूल भी पवित्र उसकी, मस्तक को पावन बनाती है।।हो…..
जैनी संस्कृति की दिग्दर्शक, उस भूमी को ध्यावें, उतारें आरती।।३।।
रोमांच होता है जब, उस क्षण की बातें मन में सोच लो।हो…..
वन्दन करो उस भू को, निज मन में इच्छा इक ही तुम धरो।।हो……
कब प्रभु जैसा पद हम पाएं, यही भावना भाएँ, उतारें आरती।।४।।
जो भव्य प्राणी ऐसी, पावन धरा को वंदन करते हैं।हो…..
क्रम-क्रम से पावें शक्ती, मानव जनम भी सार्थक करते हैं।।हो…..
आरति कर सब भव्य जीव, भव आरत से छुट जाएं, उतारें आरती।।५।।
प्राचीन इस तीरथ को, विकसित किया है सबने मिल करके।हो…..
गणिनीप्रमुख श्री माता, ज्ञानमती जी से शिक्षा ले करके।।हो……
तभी चंदनामती तीर्थ ने, नव स्वरूप है पाया, उतारें आरती।६।।।
Tags:
Aarti
Previous post
कर्मदहन विधान की आरती!
Next post
अयोध्या तीर्थ की आरती
Related Articles
षट्खण्डागम विधान की आरती!
June 11, 2020
jambudweep
चौबीस तीर्थंकर जन्मभूमि की आरती!
June 10, 2020
jambudweep
कुण्डलपुर तीर्थ की आरती!
September 28, 2020
jambudweep