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धर्म की गिनती

November 22, 2014कविताएँjambudweep

धर्म की गिनती



भरत क्षेत्र में एक समय में एक तीर्थंकर होते हैं ।

ढाई द्वीप में दो समुद्र आते हैं।

मूढ़ता तीन होती हैं।

शिक्षाव्रत चार होते हैं।

मुनि पाँच प्रकार के होते हैं।

द्रव्य छ: होते हैं ।

मोक्ष सातवें नम्बर का पदार्थ है।

व्यंतर देव आठ प्रकार के होते हैं।

बलभद्र नौ होते हैं ।

धर्म दस प्रकार के होते हैं ।

प्रतिमा ग्यारह होती हैं।

चक्रवर्ती बारह होते हैं ।

विमलनाथ जी तेरहवें तीर्थंकर हैं ।

मार्गणा चौदह होती हैं।

ढाई द्वीप में पन्द्रह कर्म भूमि हैं।

स्वर्ग सोलह होते हैं।

Tags: Jain Poetries
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