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रवीन्द्रकीर्ति स्वामी जी का अंतरंग एवं बहिरंग परिचय

August 5, 2017विशिष्ट व्यक्तित्वjambudweep

स्वस्तिश्री कर्मयोगी पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामी जी का अंतरंग एवं बहिरंग परिचय


समाज में सामान्य श्रावकों की संख्या एवं भूमिका अवश्य ही समाज के विकास के लिए लाभदायक सिद्ध होती है। लेकिन कुछ अद्भुत प्रतिभासम्पन्न विरले महामनाओं की खोज की जावे, तो समाज में ऐसे पुरुष जिन्हें महापुरुष की संज्ञा दी जा सकती है, वे बहुत कम संख्या में ही मिलते हैं। यह बात भी निश्चित है कि हर काल एवं समय में समाज, धर्म एवं संस्कृति के उत्थान हेतु ऐसे महानुभावों का अस्तित्व अवश्य ही देखने को मिलता है। इसी श्रृँखला में इस वर्तमानकालीन युग को भी अनेक विभूतियाँ प्राप्त हुर्इं और इस बीसवीं-इक्कीसवीं शताब्दी में भी अनेक निष्काम सेवा के धनी महानुभावों ने समाज की सेवा करके इसका विकास किया। 

 

 

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