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भगवान श्री चंद्रप्रभ की आरती!

June 10, 2020जिनेन्द्र भक्तिjambudweep

भगवान श्री चंद्रप्रभ की आरती

 
 
तर्ज—आरति करूँ चौबीस जिनेश्वर…….
 
आरति करूँ श्री चंद्रप्रभु की, आरति करूँ प्रभु जी ।टेक.।।
पहली आरति गर्भकल्याणक-२ पन्द्रह मास रतनवृष्टी की,
आरति करूँ प्रभु जी।।आरति.।।१।।
दूजी आरति जन्मोत्सव की-२ मेरू सुदर्शन पर अभिषव की,
आरति करूँ प्रभु जी।।आरति.।।२।।
तीजी है निष्क्रमण दिवस की-२ लौकांतिक सुर अनुमोदन की,
आरति करूँ प्रभु जी।।आरति.।।३।।
चौथी आरति केवलि प्रभु की-२ द्वादशगणयुत समवसरण की,
आरति करूँ प्रभु जी।।आरति.।।४।।
पंचम आरति पंचम गति की-२ मोक्ष धाम संयुत जिनवर की,
आरति करूँ प्रभु जी।।आरति.।।५।।
पंचकल्याणकपति प्रभु तुम हो-२ नाश किया संसार भ्रमण को,
आरति करूँ प्रभु जी।।आरति.।।६।।
आरति से भव आरत छुटता-२ करें ‘‘चंदनामति’’ प्रभु वन्दन,
आरति करूँ प्रभु जी।।आरति.।।७।।

 

Tags: Aarti
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