क्या आप और आप का परिवार मिलावट के दानव से सुरक्षित है ? कतई नहीं हो सकता ! मिलावट करने का मकसद है मुनाफा कमाना, और मिलावटखोरों को आम आदमी की सेहत और जान से कोई लेना—देना नहीं है। इस कारण के चलते मिलावटखोर मूलभूत घरेलू वस्तुओं, जैसे गेहूं, चावल, बाजरा, मक्का, आटा, अरहर की दाल, काली या पीली सरसों, सूरजमुखी का तेल, तिल का तेल, कुसुम करड़ी का तेल, सरसों का तेल, मूंगफली का तेल, शुद्ध घी, मक्खन, शहद, सॉस, धनिया पाउडर, हल्दी, मैदा और लाल मिर्च पाउडर में मिलावट करते हैं। यहां तक कि चाय पत्ती, कॉफी, दूध, बच्चों के दूध का पाउडर, स्क्वॉश, जैम, जेली, अचार, डिब्बाबंद फल एवं सब्जियों में भी मिलावट है। मिलवटाखोर मिलावट करने के लिए खतरनाक पदार्थ, जैसे कि बारीक कंकड़—पत्थर, मिट्टी, भूसा, चूहों और कीड़ों का मल, पॉलिश करने के लिए अखाद्य टैल्कन पाउडर, ट्राइक्रिसल फॉस्पेट, अखाद्य तेलों जैसे कि मोबिल ऑयल, अर्जिमोन ऑयल, अरंडी का तेल, खनिज तेल और रैनसिड ऑयल का मिश्रण, मार्जरीन, डिटरजेंट, लेड क्रोमेट, ऑक्सीटोसिन हार्मोन इंजेक्शन, यूरिया, कॉस्टिक सोडा, फॉर्मलिन, मेलामाइन, हड्डियों की राख, लेड, बुरादा, चॉक पाउडर, सफेद बालू, गंधक, नॉन—परमिटेड कलर्स और ऐसी ही कई अन्य चीजें इस्तेमाल करते हैं। ऊपर लिखित मिलावटों के कारण आप को कई तरह की बीमारियाँ और परेशानियाँ हो सकती हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं।
दूध में मिला हुआ यूरिया हृदय एवं गुर्दों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है। कॉस्टिक सोडा, जिस में सोडियम होता है, उन लोगों के लिए धीमे जहर का काम करता है जो हाइपरटेन्शन एवं हृदय की बीमारियों से ग्रस्त हैं। फॉर्मलिन तो शरीर के लिए और भी खतरनाक है ; यह लिवर (यकृत) को नुकसान पहुँचा सकता है। अखाद्य तेल जैसे कि मोबिल ऑयल, अर्जिमोन ऑयल, अरंडी का तेल, खनिज तेल और रैनसिड ऑयल एकल ही या इन का मिश्रण विटामिन ए और इ की कमी लाते हैं, लकवा हो सकता है एवं लिवर डेमेज हो सकता है, और कॉलेस्ट्रॉल में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है, जो जीवन के लिए असुरक्षित और मृत्युकारक हो सकता है। चॉक पाउडर पेट खराब करता है। लेड प्वायजिंनग से आप की केन्द्रीय तंत्र प्रणाली को नुकसान पहुँच सकता है। मिलावट से वैंâसर का खतरा, एपिडेमिक ड्रॉप्सी, ग्लॉकोमा, हेपेटाइटिस, त्वचा रोग, र्कािडयक अरेस्ट जैसी खतरनाक बीमारियां भी हो सकती हैं। बच्चे विशेष रूप से उपरोक्त बीमारियों के अलावा एनीमिया, मेंटल रिटार्डेशन, ब्रेन और लिवर डेमेज से भी पीड़ित हो सकते हैं। आज मिलावटी सामान के इस्तेमाल से लोगों की जान पर बन आई है।
परिवार के बड़े—बुजर्गों एवं बाकी परिवारजनों की न केवल आयु घटती जा रही है बल्कि जीवन की गुणवत्ता का स्तर भी बहुत खराब होता जा रहा है। बच्चों पर इस का बहुत बुरा असर हो रहा है। रिसर्च से पता चला है कि मिलावट जीवन के हर क्षेत्र में कुछ इस कदर घुस चुकी है कि आज मिलावट और क्वॉलिटी का अनुपात लगीाग ३० : ७० है। मान लीजिये कि आप ने १०० रुपये मूल्य की कोई वस्तु खरीदी है। जब चूँकि उस में मिलावट है, इसलिए आप को केवल लगभग ७० रुपये मूल्य का ही सामान मिला यानी कि आप ने ७० रुपये मूल्य का सामान १०० रुपये में खरीदा है जो न केवल सेहत का नुकसान है बल्कि धन का नुकसान भी है। हम सब को कमर कसनी ही होगी, और सरकार को भी बहुत कड़ाई से मिलावट के आतंक से निपटना पड़ेगा क्योंकि अगर रोकथाम सख्ती से नहीं की गयी तो आने वाले वर्षों में क्वॉलिटी और मिलावट का अनुपात बिलकुल उलट जायेगा, यानी कि मिलावट और क्वॉलिटी का अनुपात ७० :३० हो जायेगा और यदि इसी तरह चलता रहा तो हमारे ना चाहने पर भी हमारे मेडिकल खर्चे घर के आम खर्चों की तुलना में कई गुणा बढ़ते जायेंगे और जीवन की क्वॉलिटी बदतर होती जायेगी और आयु घटती जायेगी।