विशेष पूजा के लिए श्री पद्मावती देवी की पूजा के अष्टक के बाद में पाद्य, आचमन, छत्र, पताका, दर्पण, षोडशाभरणार्चन आदि के श्लोकों को नीचे लिखे अनुसार नाम बदलकर पढ़कर समर्पण करें तथा अन्यान्य देवियों की पूजा में भी ऐसे ही प्रयोग करें।उदाहरणार्थ- सुगन्धिनीरैस्त्वत्पादौ प्रक्षाल्यपरिपूजये। चक्रेश्वरीं जगत्पूज्यां विश्वविघ्नोपशान्तये।।