| पूर्व का नाम | बाल ब्रह्मचारिणी जूली दीदी |
| पिता का नाम | श्री ज्ञानचंद जी जैन |
| माता का नाम | श्रीमती अंगूरी जी जैन |
| भाई – बहिन के नाम | (१)श्रीमति अल्पना (२)बा.ब्र. प्रदीप जी (वर्तमान मे मुनि श्री अचलसागर जी महाराज) |
| जन्म के क्रम से | (३)आपका क्रम (४) श्री आलोक |
| जन्म/ दिनांक/तिथि | १५-०७-१९७८, शनिवार आषाढ़ शुक्ल १० वि.सं |
| दिन/स्थान/समय | २०३५ बहेरिया जिला- सागर , (म.प्र.) (बाद मे रामपुरा सागर मे निवास ) |
| शिक्षा (लौकिक/धार्मिक) | एम.एस.सी (मानव शास्त्र), एम.ए. (संस्कृत) |
| ब्रह्मचर्य व्रत | २९-०५-१९९८, भाग्योदय तीर्थ सागर, (म.प्र.) १८-०५-२००४, रामटेक (महाराष्ट्र) |
| प्रतिमा (कब/कहाँ) | २ प्रतिमा सन् २००४ मे ‘दयोदय तीर्थ’ जबलपुर (म.प्र.) |
| आर्यिका दीक्षा | १३-०२-२००६, सोमवार माघसुदी १५ वि.सं.२०६२ |
| दिनांक/दिन/तिथि/स्थान | श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र कुण्डलपुर जी, जिला दमोह (म.प्र.) |
| दीक्षा गुरु | आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज |
| वर्तमान मे संघस्थ | आर्यिका श्री १०५ गुरुमति माता जी |
| विशेष | आपकी सीधी आर्यिका दीक्षा हुई | आपके गृहस्थ जीवन के भाई मुनि श्री १०८ अचलसागर जी एवं आप दोनों एक ही मुनि से दीक्षित है | |
