जम्बूद्वीप में सानंद सम्पन्न हुआ पीठाधीश पदारोहण समारोह
ब्र. रवीन्द्र कुमार ‘भाई जी’ से बने स्वस्ति
श्री रवीन्द्रकीर्ति ‘स्वामी जी’
जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर में दिनाँक २० नवम्बर २०११ को मध्यान्ह १ बजे आयोजित ‘पीठाधीश पदारोहण समारोह’ में सर्वोच्च साध्वी गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा विधि-विधानपूर्वक जम्बूद्वीप धर्मपीठ के पीठाधीश पद पर कर्मयोगी ब्र. रवीन्द्र कुमार जैन को आसीन करते हुए उन्हें ‘‘स्वस्तिश्री कर्मयोगी पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामी जी’’ नाम प्रदान किया गया।
इस अवसर पर पूज्य माताजी ने उन्हें दशवीं प्रतिमा के संस्कार करते हुए वस्त्र, शास्त्र व जाप्यमाला के साथ कमण्डलु भेंट कर जम्बूद्वीप धर्मपीठ का पीठाधीश मनोनीत किया। कार्यक्रम में गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने कहा कि भारतवर्ष की विभिन्न धार्मिक परम्पराओं में किसी भी तीर्थ अथवा धर्मसंस्था के संचालन हेतु परम्परागत श्रृंखला में भट्टारक, पीठाधीश्वर अथवा धर्माधिकारी आदि पदों के धारी त्यागीव्रतियों का मनोनयन किया जाता रहा है।
गुरू परम्परा के साथ चलने वाली इन पीठों के माध्यम से धर्म की प्रभावना तथा संस्कृति का संरक्षण, संवर्धन व विकास होता है और अनेक प्रकार के ऐसे सामाजिक एवं शैक्षणिक कार्यकलाप संपन्न होते हैं जिनके माध्यम से समाज को धर्म एवं नैतिक दायित्वों का सही परिपालन करने की प्रेरणायें प्राप्त होती हैं। उन्होंने बताया कि इसी श्रृंखला में सन् १९८७, २ अगस्त के दिन जम्बूद्वीप तीर्थ पर एक धर्म पीठ की स्थापना की गई थी। सर्वप्रथम इस पीठ का पीठाधीश्वर क्षुल्ल्करत्न श्री मोतीसागर जी महाराज को बनाया गया था।
पुन: उनके बाद द्वितीय पीठाधीश के रूप में इस तीर्थ को संचालित करने हेतु संस्थान के अध्यक्ष कर्मयोगी ब्र. रवीन्द्र कुमार जैन को जम्बूद्वीप तीर्थ के पीठाधाश पद का भार सौंपा गया है। वे अध्यक्ष होने के साथ ही पीठाधीश का भी पदभार वहन करेंगे।
इन भावनाओं के साथ पूज्य माताजी ने उन्हें अपना मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर आर्यिका श्री अभयमती माताजी ने भी स्वामी जी के प्रति उद्बोधनपूर्वक अपना मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का कुशल मार्गदर्शन प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी द्वारा किया गया तथा संचालन श्री जीवन प्रकाश जैन ने किया।
विशेषरूप से समारोह में एलाचार्य मुनि श्री नि:शंकभूषण जी महाराज ने पधारकर विशेष सान्निध्य प्रदान करते हुए रवीन्द्रकीर्ति जी को आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक माननीय श्री अशोक सिंघल जी के प्रतिनिधि के रूप में केन्द्रीय मंत्री-विहीप श्री जीवेश्वर मिश्रा तथा परमहंस योग दरबार हस्तिनापुर से साध्वी जी ने भी पधारकर श्री रवीन्द्रकीर्ति जी का अभिवादन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ आर्यिका श्री सुव्रतमती माताजी, आर्यिका श्री सुदृढ़मती माताजी तथा संघस्थ ब्रह्मचारिणी बहनों द्वारा महावीराष्टक स्तोत्र के साथ हुआ। पुन: आचार्य श्री शांतिसागर महाराज के चित्र का अनावरण श्री राजकुमार जैन वीरा बिल्डर्स एवं श्री राकेश जैन, यमुनापार-दिल्ली द्वारा तथा आचार्य श्री वीरसागर जी महाराज के चित्र का अनावरण श्री सुनील जैन सर्राफ, श्री मनोज जैन व श्री राकेश जैन-मेरठ द्वारा किया गया।
समारोह का दीप प्रज्ज्वलन श्री जे.सी. जैन, हरिद्वार ने किया जिसमें श्रीमती सरिता जैन, चैन्नई व संघपति श्री महावीर प्रसाद जैन, दिल्ली ने सहयोग किया। समारोह के मध्य विभिन्न भक्ति नृत्य आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम भी संपन्न हुए जिसमें सौ. सुवर्णा पाटनी, नासिक एवं सौ. अर्पिता जैन, लखनऊ ने भगवान महावीर स्वामी पर आधारित सुन्दर नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर सौ. क्षमा जैन, लखनऊ तथा वीर बाल सदन स्कूल-सरधना के बच्चों के द्वारा भी सुन्दर नृत्य प्रस्तुत किये गये।
श्वेत से भगवा वस्त्र धारण कर बने स्वामी रवीन्द्रकीर्ति
समारोह में पूज्य माताजी द्वारा आदेश होने पर ब्र. रवीन्द्र कुमार जी ने मंगल स्नान कर सफेद वस्त्र को परिवर्तित करते हुए भगवा रंग की धोती व दुपट्टा धारण किया। पुन: उन्होंने मंच पर विराजमान भगवान शांतिनाथ प्रतिमा का जल, दूध, दही, सर्वोषधि, केसर, पुष्प आदि से पंचामृताभिषेक किया।
पश्चात् सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा बनाये गये श्वेत एवं पीले अक्षत के चौक पर रवीन्द्र कुमार जी को बैठाया गया। पीठाधीश पदारोहण समारोह के मुख्य कार्यक्रम के रूप में इस अवसर पर गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी ने रवीन्द्र कुमार जी के सिर पर केसर से स्वस्तिक बनाकर उन्हें पीले चावल व लौंग से मंत्रोच्चार के साथ संस्कारित किया।
इस अवसर पर पूज्य माताजी ने उन्हें दशवीं प्रतिमा के संस्कार करके समस्त खेती, व्यापार व ग्रह कार्य संबंधी क्रियाओं को करने एवं उनके प्रति सम्मति प्रदान करने का आजीवन त्याग कराया।
इस अवसर पर उन्हें समस्त दस प्रकार के बाह्य परिग्रहों का भी त्याग कराकर केवल आवश्यक बर्तन व वस्त्र रखने की छूट प्रदान की गई। इस प्रकार संस्कारों को करके पूज्य माताजी ने रवीन्द्र कुमार जी को पीठाधीश पद पर आसीन करते हुए उन्हें ‘‘स्वस्तिश्री कर्मयोगी पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामी जी” के नाम से संबोधन प्रदान किया।
समारोह में अनेक गणमान्य महानुभावों का समागम, भेंट एवं शुभकामनाएँ
जम्बूद्वीप के पीठाधीश बनने के उपरांत स्वामी रवीन्द्रकीर्ति जी को विभिन्न प्रांतों से पधारे हजारों भक्तों ने वंदना करते हुए उनके प्रति शुभकामनायें प्रेfिषत की एवं श्रीफल समर्पित करके उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
इनमें संघपति श्री महावीरप्रसाद जैन-दिल्ली, तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री सुरेशचंद जैन-मुरादाबाद, रूड़की इंजी. कालेज के चेयरमेन श्री जे.सी. जैन-हरिद्वार, वीरा फाउण्डेशन ट्रस्ट के चेयरमेन श्री राजकुमार जैन-दिल्ली, भारतवर्षीय दि. जैन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निर्मल कुमार सेठी-दिल्ली, भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी की उपाध्यक्ष एवं भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महिला महासभा की अध्यक्षा श्रीमती सरिता जैन-चैन्नई, म.प्र.सरकार मंत्री दर्जा प्राप्त
श्री कपूरचंद जैन-घुवारा, दि. जैन महासमिति के संगठन मंत्री श्री जवाहरलाल जैन-सिकंदराबाद, अ.भा.दि. महिला संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सुमन जैन-इंदौर तथा महामंत्री-श्रीमती मनोरमा जैन-दिल्ली, भारतवर्षीय दि. जैन अग्रवाल महासंघ के अध्यक्ष श्री रमेश जैन तिजारिया-जयपुर, श्री सुनील जैन सर्राफ-मेरठ, वरिष्ठ विद्वान
पं. धनराज जैन-अमीनगरसराय, डॉ. अनुपम जैन-इंदौर, डॉ. जयेन्द्रकीर्ति जैन-उज्जैन, डॉ. नीलम जैन-गुड़गांवा, संस्थान के महामंत्री श्री वैâलाशचंद जैन, करोलबाग-दिल्ली, कोषाध्यक्ष श्री अनिल कुमार जैन-दिल्ली, मंत्री श्री मनोज जैन-मेरठ, संयुक्त मंत्री श्री राकेश जैन-मेरठ, श्री मुकेश शाह-मुम्बई (महा.), श्री सुधीर जैन ‘ठेकेदार’-मुजफ्फरनगर, डॉ. विनय जैन-बाराबंकी, श्री चिरंजीलाल कासलीवाल-पटना, श्री नरेश बंसल-गुड़गाँवा, इंजी. श्री गुणसागर जैन-दिल्ली, श्री आनंद प्रकाश जैन-दिल्ली, श्री हंसराज जैन-दिल्ली
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श्री राजकुमार जैन-दिल्ली, सरधना के श्री सतीश जैन, श्री प्रमोद जैन, श्री श्रेयांस जैन, श्री मंगलसेन जैन, श्री सुधांशू जैन, महाराष्ट्र भक्त मण्डल औरंगाबाद के श्री प्रमोद कासलीवाल, श्री राजमल कासलीवाल, श्री अभय कासलीवाल, श्री पवन पापड़ीवाल, श्री संजय पापड़ीवाल-पैठण, श्री प्रदीप जैन-सटाणा आदि वरिष्ठ जन तथा पीठाधीश जी
के परिवारजनों में श्री वैâलाशचंद जैन सर्राफ-लखनऊ, श्री सुभाषचंद शुभचंद जैन-टिकैतनगर, सौ. श्रीमती जैन व पुत्र श्री शरद जैन-बहराइच, सौ. कामिनी जैन-दरियाबाद, सौ. मालती जैन-दिल्ली, श्री राजन जैन-टिवैâतनगर तथा सनावद के श्री वैâलाशचंद जैन चौधरी, श्री विशाल जैन, श्री सुधीर जैन आदि महानुभाव प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
इस अवसर पर वरिष्ठ महानुभावों ने अपने-अपने वक्तव्य के माध्यम से स्वामी जी के प्रति अपनी विनयांजलि, शुभकामनाएं एवं आदर-सम्मान भी प्रस्तुत करके स्वामी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।
संस्कार से पूर्व स्वामी जी की गोद भराई एवं बिनौरी
का आयोजन हुआ
कर्मयोगी ब्र.रवीन्द्र कुमार जैन ‘भाई जी’ को पीठाधीश पद के संस्कार करने से पूर्व पूज्य माताजी के सान्निध्य में सैकड़ों भक्तों द्वारा उनकी गोद भराई की गई। पुन: तिलक, मालाएं, मुकुट एवं हाथ-पैरों में रची मेंहदी से सुसज्जित भाई जी को सुन्दर बग्घी में बैठाकर बाजे-गाजे के साथ विशाल शोभायात्रापूर्वक उनकी बिनौरी निकाली गई।
बिनौरी यात्रा में सैकड़ों भक्तों ने हर्षोल्लासपूर्वक नृत्य आदि के साथ भाग लिया और कहीं रत्न, तो कहीं नोटों की बरसा करते हुए त्यागमार्ग की अनुमोदना का महान पुण्यफल अर्जित किया। इस दिन से पूर्व भी भाई जी की गोद भराई का कार्यक्रम २-३ दिन पूर्व से चला और सभी ने उनका अभिनंदन करके आशीर्वाद प्राप्त किया और शुभकामनाएं समर्पित कीं।
भगवान महावीर का दीक्षाकल्याणक भी मनाया गया
इस दिन जैन धर्म के २४ वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का दीक्षाकल्याणक अवसर आने से स्वामी जी सहित सभी भक्तों ने पूज्य माताजी के सान्निध्य में कमल मंदिर में विराजमान भगवान महावीर की अवगाहना प्रमाण खड्गासन प्रतिमा का भव्य मस्तकाभिषेक किया।
इस अवसर पर भगवान का ५१ किलो दूध तथा दही, हरिद्रा, केसर जल आदि सामग्री से सैकड़ों भक्तों ने भव्य अभिषेक करके महान पुण्य अर्जित किया। इस दिन भगवान की विशेष पूजा-आराधना भी सम्पन्न की गई। विशेष-समिति द्वारा पारस चैनल पर पीठाधीश पदारोहण समारोह का सीधा प्रसारण होने से सारे देश में विशेष धर्मप्रभावना हुई।