गृहस्थों के अष्टमूलगुण
जिस प्रकार मूल—जड़ के बिना वृक्ष नहीं ठहरते, उसी प्रकार मूलगुणों के बिना मुनि और श्रावक के व्रत नहीं ठहरते।
श्रावकों के ८ मूलगुण होते हैं।
मद्य,मांस,मधु के त्याग के साथ पाँच उदुम्बर फलों का त्याग करना ये गृहस्थों के आठ मूलगुण आगम में कहे गये हैं|