भव्यात्माओं! भगवान ऋषभदेव का जब छह माह का योग पूर्ण हो गया तब वे यतियों-मुनियों की आहार विधि बतलाने के उद्देश्य से शरीर की स्थिति के लिये निर्दोष आहार हेतु निकल पड़े। महामेरू भगवान ऋषभदेव ईर्यापथ से गमन कर रहे हैं, अनेकों ग्राम नगर शहर आदि में पहुँच रहे हैं। उन्हें देखकर मुनियों की चर्या…
ब्राह्मी-माताजी वंदामि! आज मैं आपसे अक्षयतृतीया पर्व के विषय मे जानना चाहती हूं। युगप्रवर्तक भगवान आदिनाथ को हुए करोड़ों-करोड़ों साल व्यतीत हो गए किन्तु क्या कारण है कि उनके प्रथम आहार दिवस अक्षयतृतीया को आज भी संपूर्ण भारतवासी विशेष पर्व के रूप में मनाते चले आ रहे हैं ? माताजी-तुमने बहुत ही अच्छा प्रश्न किया।…
The most revered “Ganini Aryika Ratna Gyanmati Mataji” The most revered “Ganini Aryika Ratna Gyanmati Mataji” has completed a span of half century of her perceivance which is a highly remarkable and glorifing event and accomplishment in the annals of Digamber Jain Aryika Sangh. She has put her feet on the terrain of spiritual advancement…
alt – Gyanmati mataji, religion -जैन sect – दिगम्बर subsect – बीसपन्थ birth name – कु. मैना birth date – 22/10/1934, शरद पूर्णिमा birth place – टिकैतनगर, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश father – श्री छोटेलाल जी mother – श्रीमती मोहिनी देवी initiator – आचार्य वीरसागर जी महाराज initiation place – माधोराजपुरा initiation date…
सर्वोच्च साध्वी का सर्वोच्च आर्यिका दीक्षादिवस जैन समाज की सर्वोच्च साध्वी , ज्ञानवृद्ध , तपोवृद्ध , ज्येष्ठ – श्रेष्ठ , इस युग की साक्षात् सरस्वती , दिव्यशक्ति , गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने आज से ६७ वर्ष पूर्व कुमारी कन्याओं के लिए आर्यिका दीक्षा का मार्ग प्रशस्त करते हुए वैशाख कृष्ण दूज को प्रथमाचार्य चारित्रचक्रवर्ती…
सम्राट चक्रवर्ती भरत का भी जन्मजयंती महोत्सव मनाया गया ‘‘जिन्होंने आदिब्रह्मा ऋषभदेव एवं महारानी यशस्वती के ज्येष्ठ पुत्र होने का गौरव प्राप्त किया, जिन्होंने भगवान ऋषभदेव के श्रीमुख से संस्कारित होने का पुण्य प्राप्त किया, जिन्होंने पूजा, दानादि की भावना से चौथे ब्राह्मण वर्ण की स्थापना की, जो छह खण्ड वसुधा को जीतकर इस आर्यखण्ड…