अष्टान्हिका पर्व!
अष्टान्हिका पर्व का असली नाम तो ‘नंदीश्वर पर्व’ ही है क्योंकि इन दिनों में नंदीश्वर द्वीप के चैत्यालयों की ही विशेषरूप में पूजन होती है। आठ दिन का पर्व होने से इसे अष्टान्हिका पर्व भी कहते हैं।
अष्टान्हिका पर्व का असली नाम तो ‘नंदीश्वर पर्व’ ही है क्योंकि इन दिनों में नंदीश्वर द्वीप के चैत्यालयों की ही विशेषरूप में पूजन होती है। आठ दिन का पर्व होने से इसे अष्टान्हिका पर्व भी कहते हैं।
नंदीश्वर द्वीप मध्यलोक के असंख्यात द्वीपों में आठवां द्वीप है, वहाँ मनुष्य तो जा नहीं सकते अत: चारों निकाय के देवगण वहाँ जाते और पूजा आदि करते है”
परमपूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी की पावन रजत दीक्षा जयंती पर उनके पावन चरणकमलों में सविनय सादर समर्पित भक्ति प्रसून ब्र. कु. इन्दु जैन (संघस्थ) …
(१) एकीभावं गत इव मया य: स्वयं कर्म-बन्धो, घोरं दु:खं भव-भव-गतो दुर्निवार: करोति। तस्याप्यस्य त्वयि जिन-रवे! भक्तिरुन्मुक्तये चेज्- जेतुं शक्यो भवति न तया कोऽपरस्तापहेतु:।।१।। तर्ज-चन्दाप्रभु के दर्शन करने सोनागिरि को जाऊँगी….. हे जिनेन्द्रप्रभु! तुम भक्ती से, भवसागर को तरना है। मनमंदिर में तुम्हें बिठाकर, तन को स्वर्णिम करना है।।टेक.।। हे जिनसूर्य! मेरी…
नंदीश्वरद्वीप में क्या-क्या है ? (गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी से हुई सैद्धांतिक वार्ता) चन्दनामती- पूज्य माताजी! वंदामि, मैं नंदीश्वर द्वीप के बारे में आपसे कुछ प्रश्न करना चाहती हूँ। श्री ज्ञानमती माताजी- पूछो, मैं आगम के आधार से नंदीश्वरद्वीप के बारे में बताऊँगी। चन्दनामती- प्रत्येक अष्टान्हिका पर्व में लोग नंदीश्वर द्वीप की पूजा करते देखे…