हवनविधि (इसमें सर्वप्रथम संकल्प करके पुण्याहवाचन करें) संकल्प मंत्र शेर छंद अर्हंत देव कथित दयामूल धर्म है। याजक व श्रावकों के लिये सौख्य मर्म है।। इ न धर्मनिष्ठ जनों को सद्धर्म वृाद्ध हो। श्रीबल व आयु स्वास्थ्य व ऐश्वर्य वृद्धि हो।।१।। अथ श्रीमज्जिनशासने भगवतो महतिमहावीरवद्र्धमानतीर्थंकरस्य धर्मतीर्थे, श्रीमूलसंघे, मध्यलोके, जम्बूद्वीपे सुदर्शनमेरोर्दक्षिणभागे, भरतक्षेत्रे आर्यखंडे … देशे ……
तीर्थक्षेत्र अयोध्या चातुर्मास-सन् १९९३ (चतुर्थ खण्ड) समाहित विषयवस्तु १. क्षेत्र विकास के संकल्पपूर्वक चातुर्मास की स्थापना। २. १९६५ से किसी का चातुर्मास नहीं। ३. रायगंज जिनालय में चातुर्मास। ४. तीर्थक्षेत्र उद्धारिका माताजी। ५. पर्यूषण पर्व में त्रिकाल प्रवचन। ६. ऋषभदेव विद्वत् संगोष्ठी का आयोजन। ७. अयोध्या का विश्व में प्रचार-प्रसार। ८. जैन साहित्य में राम-निबंध…
कूचा बुलाकी बेगम, चाँदनी चौक-दिल्ली चातुर्मास-सन् १९८० समाहित विषयवस्तु १. चातुर्मास की स्थापना। २. इन्द्रध्वज विधान का आयोजन। ३. श्रवणबेलगोल महामस्तकाभिषेक पर अनेक रचनाएँ लिखीं। ४. बड़ी संख्या में प्रकाशित एवं अन्य भाषाओं में अनूदित। ५. पर्यूषण पर्व में कम्मोजी की धर्मशाला में प्रवचन। ६. जैन भारती का विमोचन। ७. इन्द्रध्वज विधान एवं गजरथ। ८….
चलो सब मिल यात्रा करलो.. तर्ज-चलो मिल सब…………….. चलो सब मिल यात्रा कर लो, तीर्थयात्रा का फल वर लो। चौबिस तीर्थंकर की सोलह, जन्मभूमि नम लो।। चलो.।। ऋषभ अजित अभिनंदन सुमती अरु अनंत जिनवर। नगरि अयोध्या में जन्मे जो तीरथ है शाश्वत।। अयोध्या को वंदन कर लो, ऋषभदेव की जन्मभूमि का रूप नया लख लो।।…
क्या है उन्नीस १. जीव के स्वरूप को बतलाने वाली १९ बातें : (जीव है) (१) कर्ता (२) भोक्ता (३) वक्ता (४) प्राणी (५) वेद (६) ज्ञायक स्वभावी (७) स्वयंभू (८) शरीरी (९) मानव (१०) विष्णु (११) सक्ता (१२) जंतु (१३) मायावी (१४) मानी (१५) योगी (१६) संकट (संकुट) (१७) क्षेत्रज्ञ (१८) असंकट (असंकुटी)…
क्या है उनतीस (२९) —संकलन —शशी प्रभा लुहाड़िया (१) रत्नत्रय के उनतीस गुण (अ) सम्यग्दर्शन के आठ गुण (१) नि:शंकित (२) नि:कांक्षित (३) निर्विचिकित्सा (४) अमूढदृष्टि (५) उपगूहन (६) स्थितिकरण (७) प्रभावना (८) वात्सल्य (ब) ज्ञान के आठ अंग (१) व्यंजनाचार (२) अर्थाचार (३) उभयाचार (४) कालाचार (५) विनयाचार (६) उपधानाचार (७) बहुमानाचार (८) अनिन्ह्वाचार…