स्वस्तिश्री कर्मयोगी पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामी जी का अंतरंग एवं बहिरंग परिचय समाज में सामान्य श्रावकों की संख्या एवं भूमिका अवश्य ही समाज के विकास के लिए लाभदायक सिद्ध होती है। लेकिन कुछ अद्भुत प्रतिभासम्पन्न विरले महामनाओं की खोज की जावे, तो समाज में ऐसे पुरुष जिन्हें महापुरुष की संज्ञा दी जा सकती है, वे…