शांति भक्ति (हिन्दी)
शांति भक्ति-(हिन्दी पद्यानुवाद) भगवन्! सब जन तव पद युग की, शरण प्रेम से नहिं आते। उसमें हेतु विविधदु:खों से, भरित घोर भववारिधि है।। अतिस्रिफुत उग्र किरणों से, व्याप्त किया भूमंडल है। ग्रीषम ऋतु रवि राग कराता, इंदुकिरण छाया जल में।।१।। क्रूद्धसर्प आशीविष डसने, से विषाग्नियुत मानव जो। विद्या औषध मंत्रित जल, हवनादिक से विष…