अवर्णवाद!
अवर्णवाद- झूठी निंदा करना अवर्णवाद कहलाता है “
अक्षय तृतीया पर्व भगवान ऋषभदेव के आहार से पवित्र तिथि है|इसदिन भगवान ऋषभदेव ने एक वर्ष उनतालीस दिन पश्चात राजकुमार श्रेयांस द्वारा इक्षुरस का आहार करपात्र मे ग्रहण किया था ,तभी से अक्षय तृतीया पर्व चला है
आर्यिका १०५ श्री देवर्षिमति माताजी का संक्षिप्त-परिचय समाधि – 1 मार्च 2020,भींडर फाल्गुन शुक्ल 6
जीव दया की कहानी लेखिका-प्रज्ञाश्रमणी चंदनामती माताजी तर्ज -ये परदा हटा दो ……………….. सुनो जीवदया की कहानी , इक मछुवारे की जुबानी , इक मछली को दे जीवन इसने जीवन पाया था । the story of compossion , is called indian tradition one fisherman had given once the life to the fish . इक मुनि…
शान्तिधारा ॐ नम: सिद्धेभ्य:। श्री वीतरागाय नम:। ॐ नमोऽर्हते भगवते श्रीमते पार्श्वतीर्थंकराय द्वादशगणपरिवेष्टिताय, शुक्लध्यानपवित्राय, सर्वज्ञाय, स्वयंभुवे, सिद्धाय, बुद्धाय, परमात्मने, परमसुखाय, त्रैलोक्यमहीव्याप्ताय, अनन्तसंसार-चक्रपरिमर्दनाय, अनन्तदर्शनाय, अनंतज्ञानाय, अनन्तवीर्याय, अनन्तसुखाय, सिद्धाय, बुद्धाय, त्रैलोक्यवशंकराय , सत्यज्ञानाय, सत्यब्रह्मणे, धरणेन्द्रफणा-मण्डलमण्डिताय, ऋष्यार्यिका-श्रावक-श्राविकाप्रमुख-चतुस्संघोपसर्गविनाशनाय, घातिकर्मविनाशकाय, अघातिकर्मविनाशनाय, अपवायं छिंद छिंद, भिंद भिंद। मृत्युं छिन्द छिन्द भिन्द भिन्द। अतिकामं छिन्द छिन्द भिन्द भिन्द। रतिकामं छिन्द छिन्द भिन्द…
The True Stories of Jainism-2 by Jambudweep Jain
The Basic Knowledge of Jainism by Jambudweep Jain