क्षेत्रपाल देव की आरती!
क्षेत्रपाल देव की आरती तर्ज—झुमका गिरा रे…………. आरति करो रे, श्री क्षेत्रपाल देवा की सब मिल आरति करो रे, आरति करो, आरति करो, आरति करो रे।।श्री…।।टेक.।। विजय वीर मणिभद्र कहाते, आभा तेरी न्यारी है, अपराजित भैरव भी नाम हैं, कूकर वाहन धारी हैं। आरति करो………….. सम्यग्दृष्टी देवा की सब मिल…