कल्याण मंदिर विधान की आरती!
कल्याण मंदिर विधान की आरती तर्ज-नागिन…………. जय जय प्रभुवर, जय जय जिनवर, की मंगल दीप प्रजाल के मैं आज उतारूँ आरतिया….।।टेक.।। कुमुदचंद्र आचार्यप्रवर ने, इक स्तोत्र रच डाला। पार्श्वनाथ की महिमा का है, चमत्कार दिखलाया।।प्रभू जी…। प्रभु पार्श्वनाथ की, भक्ती में, मन मगन हुआ मुनिराज का, मैं आज उतारूँ आरतिया….।।१।। चौवालिस काव्यों में निर्मित,…