Mahavirastak
Mahavirastak श्री महावीराष्टक स्तोत्र ( हिंदी पद्यानुवाद) ---निशान्त जैन निश्चल जिनके परम कैवल्य में, चेतन- अचेतन द्रव्य सब,उत्पाद-व्यय अरु ध्रौव्य युत, नित झलकते हैं मुकुर सम,जो जगतदृष्टा दिवाकर सम, मुक्तिमार्ग प्रकट करें,वे महावीर प्रभु हमारे, नयनपथगामी बनें। जिनके कमल सम हैं नयन दो, लालिमा से रहित हैं,करते प्रकट अंतर-बहिर, क्रोधादि से नहीं सहित हैं,है मूर्ति...