णमो अरिहंताणं,नमन है अरिहंत प्रभु को |
णमो सिद्धाणं में , नमन कर लूं सिद्ध प्रभु को ||
णमो आयरियाणं,नमन है आचार्य गुरु को |
णमो उवज्झायाणं,नमन है उपाध्याय गुरु को ||१ ||
णमो लोए सव्व साहूणं, पद बताता |
नमन जग के सब साधुओं को करूं जो हैं त्राता ||
परम पद में स्थित कहें पांच परमेष्ठि इनको |
नमन इनको करके लहूँ इक दिन मुक्ति पद को ||२ ||
सभी के पापों को शमन करता मंत्र यह ही |
तभी सब मंगल में प्रथम माना मंत्र यह ही ||
जपें जो भी इसको वचन मन कर शुद्ध प्रणती |