लोक के तीन भेद हैं-ऊर्ध्वलोक, मध्यलोक और अधोलोक ।
मध्यलोक में असंख्यातों द्वीप समुद्र हैं। इन सबके बीच में पहला जम्बूद्वीप है ।
ऊर्ध्वलोक में सोलह स्वर्ग, नव ग्रैवेयक, नव अनुदिश और पाँच अनुत्तर हैं। उनके ऊपर सिद्ध शिला है ।
सिद्ध शिला से ऊपर लोक के अग्रभाग में सिद्ध भगवान विराजमान हैं ।
प्रश्न-इस पुरुषाकार लोकाकाश में मध्यलोक कहाँ है?
उत्तर-इसमें कटि के समान मध्य का मध्यलोक है ।
प्रश्न-इसमें त्रसजीव कहाँ रहते हैं?
उत्तर-नीचे से लेकर ऊर्ध्वलोक तक लगभग १३ राजु लम्बी, एक राजु चौड़ी और एक राजु मोटी त्रसनाली है। इसी में त्रसजीव रहते हैं ।
प्रश्न-तीनों लोकों में हम कहाँ हैं?
उत्तर-मध्यलोक में बीचों-बीच के जम्बूद्वीप में भरतक्षेत्र है । उसके आर्यखण्ड में हम और आप सभी लोग रहते हैं । सारी दुनिया इसी में है ।