दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान की स्थापना पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से सन् १९७२ में राजधानी दिल्ली में हुई थी। संस्थान का मुख्य कार्यालय सन् १९७४ से हस्तिनापुर में प्रारंभ हुआ। इस संस्थान के अन्तर्गत अनेक गतिविधियाँ हस्तिनापुर में तथा अन्यत्र चल रही हैं-
गणिनी ज्ञानमती पुरस्कार (१०००००/-रु.), | आर्यिका रत्नमती पुरस्कार (२५०००/-रु.), |
जम्बूद्वीप पुरस्कार (२५०००/-रु.), | नंद्यावर्त महल पुरस्कार (२५०००/-रु.), |
श्री छोटेलाल जैन स्मृति पुरस्कार (२५०००/-रु.), | श्री प्रकाशचंद जैन स्मृति पुरस्कार (११०००/-रुपये), |
जम्बूद्वीप बाल प्रतिभा पुरस्कार (११०००/-रु.) | संस्थान के अन्तर्गत विद्वत् महासंघ द्वारा चंदारानी जैन स्मृति पुरस्कार (११०००/-रु.) |
पूर्व में विशेष पुरस्कारों में गणिनी ब्राह्मी पुरस्कार (११०००/-रुपये), | रूपाबाई जैन स्मृति पुरस्कार (११०००/-रुपये), |
महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर पुरस्कार (२५०००/-रुपये),
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गणिनी ज्ञानमती हीरक जयंती पुरस्कार (७५०००/-रु.), |
भगवान ऋषभदेव नेशनल अवार्ड (२५१०००/-रु.), | आर्यिका दीक्षा स्वर्ण जयंती पुरस्कार (५१०००/-रु.) |
गणिनी ज्ञानमती अमृत महोत्सव पुरस्कार (८०,०००/-रु.) |
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