तर्ज-धीरे-धीरे बोल कोई……..
नमन करूँ मैं नमन करूँ, गुरु चरणों में नमन करूँ …
नमन करूँ मैं नमन करूँ, गुरु चरणों में नमन करू
आया है दीक्षा रजत दिवस, उन चरणों में शत शत नमन नमन करूँ……..
अवध प्रान्त में माँ तुमने है जन्म लिया छोटेलाल मोहनी का
उपवन खिला ज्येष्ठ वदी मावस को तुमने धन्य किया।
बचपन में है नाम माधुरी प्राप्त किया।।
वंदन करूँ, सुमिरन करूँ, तुझे शत शत,
अभिवंदन करूँ तेरे चरणों में वंदन करूँ, गुरुचरणों में नमन करूँ…….
ग्यारह वर्ष की लघु वय में ब्रह्मचर्य व्रत,
गणिनी ज्ञानमती माँ की छोटी बहन।
बचपन से ही पाया अद्भुत ज्ञान है कवित्व प्रतिभा की
ये धनी महान है वन्दन करूँ, सुमिरन करूँ,
तुझे शत शत अभिनंदन करूँ तेरे चरणों में वंदन करूँ,
गुरुचरणों में नमन करूँ……. श्रावण सुदि ग्यारस का पावन दिन
आया हस्तिनापुर नगरी में इक उत्सव छाया माँ ज्ञानमती ने दिया
आर्यिका व्रत तुम्हें, देख गुणों को नाम चंदनामति तुम्हें।।
वन्दन करूँ, सुमिरन करूँ, तुझ शत शत अभिवंदन करूँ
तेरे चरणों में वंदन करूँ, गुरुचरणों में नमन करूँ…….