नाम – ब्र. उमा जैन
जन्म – सन् १९४०
जन्मस्थान – दिल्ली
शिक्षा – हायर सेकेन्ड्री
विवाह (सन्) – १९५६
पति – श्री सुरेशचंद जैन ‘गोटे वाले’ (स्वर्गवास-२२ जनवरी १९९६)
पारिवारिक विवरण प्रथम पुत्र – श्री अशोक कुमार जैन ‘गोटे वाले’
पुत्रवधू श्रीमती सुमन जैन,
पौत्र-पौत्री-अंकित, स्पर्श, ज्योति, तनिष्का
द्वितीय पुत्र – श्री राजेश कुमार जैन (राजू) ‘गोटे वाले’
पुत्रवधू श्रीमती निशा जैन
पौत्र-पौत्री-वासु जैन, प्रणिका जैन
पुत्री – श्रीमती अंजना जैन, न्यू रोहतक रोड, दिल्ली ध.प. श्री संजीव जैन ‘पेन्ट वाले’
नाती-नातिन-संचित जैन, संजोली जैन स्व. श्री राजेन्द्र प्रसाद जैन (कम्मो जी) तथा श्री चव्रेश जैन ‘बिजली वाले’-दरियागंज, दिल्ली (महामंत्री-भारतवर्षीय दि.जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी) से पारिवारिक संबंध
सासु-स्व. श्रीमती कमला अम्मा, जिन्होंने गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी से क्षुल्लिका सम्यक्त्वमती माताजी के रूप मे दीक्षा प्राप्त कर समाधिमरणपूर्वक अपने मनुष्य जीवन को सार्थक किया।
सप्तम प्रतिमा के व्रत – ६ जनवरी २००५, भेलूपुर-बनारस में भगवान पार्श्वनाथ जन्मजयंती के शुभ अवसर पर। द्वारा-गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी।
विशेष – श्रीमती उमा जैन का विवाह सन् १९५६ में श्री हरिश्चन्द्र जैन-गोटे वाले, गली गुलियान- दिल्ली के पुत्र प्रकाशचंद जैन के पुत्र श्री सुरेश जैन ‘गोटे वाले’ के साथ हुआ। प्रारंभ से ही धार्मिक विचारों से समन्वित श्रीमती उमा जी ने सन् १९९६ में पति के स्वर्गवास के पश्चात् विशेष धर्मध्यान में अपना जीवन व्यतीत करने का संकल्प लिया तथा सन् २००५ में पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी से सप्तम प्रतिमा के व्रत ग्रहण किये और ४ जून २०१२ को गृहत्याग करके क्षुल्लिका दीक्षा हेतु श्रीफल चढ़ाकर मोक्षमार्ग में अग्रसर हुई एवं २९ जून २०१२, आषाढ़ शु. दशमी को पूज्य माताजी से दीक्षा लेकर क्षुल्लिका ‘पुण्यमती’ नाम प्राप्त किया । पुनः १३ नवम्बर २०१३ को आर्यिका दीक्षा प्राप्त कर आर्यिका पुण्यमती के नाम से प्रसिद्ध हुई हैं “