उच्च आदर्शों की तुम, लहराओ तरंग, जीवन में भर दो, संस्कारों के नवरंग,
खिल उठे तुम्हारे, जीवन में नयी उमंग, मिटा डालो जीवन के, तुम सारे बदरंग।
अपने मन मंदिर की, तुम बन जाओ पुजारी, त्यागो इसी पल दिल से,
बुराई सारी की सारी जीवन में कभी ना करना , परिवार से मक्कारी,
सच्चे दिल से बनना तुम, माँ बाप की आज्ञाकारी।
जीवन के सारे सुखों से , तेरी भरी रहेगी झोली, चारों तरफ बिछी रहेगी,
खुशियों की रंगोली, झूठी मुहब्बत की तू, जला दे आज ही होली,
सजा ले सारे गुणों से , तू जीवन की खोली।
भरा रहे अपनों के प्रति, तुझमें गहरा अनुराग, कभी ना भूल जाना तू,
माँ बाप का त्याग , वे ही ढूंढ कर लायेंगे, तेरे लिए सुहाग,
वो ही रोशन करेगा, तेरे जीवन का चिराग।
अति सुंदर करना तुम, जीवन की कम्पोजिंग, स्वभाव से बनी रहना ,
हर पल तुम प्लीजींग, अगर बनी रही तुम, जीवन में प्रोमिजिंग ,
भविष्य तेरा होगा, निश्चित ही राईजिंग।
क्या फायदे सजने को, तुम करती रहो ड्रेसिंग,
बार—बार कपड़ों पर, करवाती हो प्रेसिंग,
कभी तो माँ के संग, कपड़ों की करो वाशिंग,
फिर देखो कभी ना होगी, तुम्हारे घर में बॉक्सिंग।
बाबुल की बगिया में जब तू,बनके कली खिली,
तुमको क्या मालूम कि, उनको कितनी खुशी मिली,
उस बाबुल को मार के ठोकर, घर से भाग जाती हो,
जिनका प्यारा हाथ पकड़कर, तुम पहली बार चली।
तेरा जीवन बहना कभी न, होने पाए दो रंगा, इतनी पावन बनकर रहना,
जितनी होती गंगा, तज दे उस व्यवहार को , जिसको कहते है बेढंगा,
हर सुख से तब होगा तेरा, हर दिन रंग बिरंगा।
जिन्दगी में हर पल तू, रहना सदा ही जिन्दा, तेरे कारण माँ बाप को ,
ना होना पड़े शर्मिन्दा, यदि भाग गई घर से तो , वे जीते जी मर जाएंगे,
तू उनकी बेटी है यह , सोच—सोच पछताएंगे।
बुरी आदतों से बहना, तू हरदम परहेज कर, मिल जाएगी मंजिल तूझे,
कदमों को तेज कर, झुक जाएगा व्रूर तुफान भी, आकर तेरे आगे,
रखना मेरी बहना तू, संस्कारों को सहेजकर।