Jambudweep - 7599289809
encyclopediaofjainism@gmail.com
About Us
Facebook
YouTube
Encyclopedia of Jainism
Search
विशेष आलेख
पूजायें
जैन तीर्थ
अयोध्या
भगवान वासुपूज्य वन्दना
June 3, 2020
कविताएँ
jambudweep
श्री वासुपूज्य वन्दना
गीता छंद
श्रीवासुपूज्य जिनेन्द्र वासव-गणों से पूजित सदा।
इक्ष्वाकुवंश दिनेश काश्यप-गोत्र पुंगव शर्मदा।।
सप्तद्र्धिभूषित गणधरों से, पूज्य त्रिभुवन वंद्य हैं।
मैं भी करूं वंदन यहाँ, मिट जायेगा भव फंद है।।१।।
शेरछंद
प्रभु दर्शमोहनीय को निर्मूल किया है।
सम्यक्त्व क्षायिकाख्य को परिपूर्ण किया है।।
चारित्र मोहनीय का विनाश जब किया।
क्षायिक चरित्र नाम यथाख्यात को लिया।।२।।
संपूर्ण ज्ञानावर्ण का जब आप क्षय किया।
कैवल्य ज्ञान से त्रिलोक जान सब लिया।।
प्रभु दर्शनावरण के क्षय से दर्श अनंता।
सब लोक औ अलोक देखते हो तुरंता।।३।।
दानांतराय नाश के अनंत प्राणि को।
देते अभय उपदेश तुम शिवपथ का दान जो।।
लाभान्तराय का समस्त नाश जब किया।
क्षायिक अनंतलाभ का तब लाभ प्रभु लिया।।४।।
जिससे परमशुभ सूक्ष्म दिव्य नंत वर्गणा।
पुद्गलमयी प्रत्येक समय पावते घना।।
जिससे न कवलाहार हो फिर भी तनू रहे।
शिवप्राप्त होने तक शरीर भी टिका रहे।।५।।
भोगांतराय नाश के अतिशय सुभोग हैं।
सुरपुष्पवृष्टि गंध उदकवृष्टि शोभ हैं।।
पग के तले वरपद्म रचें देवगण सदा।
सौगंध्य शीतपवन आदि सौख्य शर्मदा।।६।।
उपभोग अन्तराय का क्षय हो गया जभी।
प्रभु सातिशय उपभोग को भी पा लिया तभी।।
सिंहासनादि छत्र चंवर तरु अशोक हैं।
सुर दुदुभी भाचक्र दिव्यध्वनि मनोज्ञ हैं।।७।।
वीर्यान्तराय नाश से आनत्य वीर्य है।
होते न कभी श्रांत आप धीर वीर हैं।।
प्रभु चार घाति नाश के नव लब्धि पा लिया।
आनन्त्य ज्ञान आदि चतुष्टय प्रमुख किया।।८।।
श्रीधर्म आदि छ्यासठ गणधर गुरू रहें।
मुनिराज बाहत्तर हजार ध्यानरत कहें।।
इक लाख छह हजार ‘सेना’ आदि आर्यिका।
दो लाख कहें श्रावक चउलाख श्राविका।।९।।
सत्तर धनुष उत्तुंग देह महिष चिह्न है।
आयू बहत्तर लाख वर्ष लाल वर्ण है।।
फिर भी तो निराकार वर्ण आदि शून्य हो।
आनन्त्य काल तक तो सिद्ध क्षेत्र में रहो।।१०।।
प्रभु आप सर्व शक्तिमान कीर्ति को सुना।
इस हेतु से ही आज यहाँ मैं दिया धरना।।
अब तारिये न तारिये यह आपकी मरजी।
बस ‘‘ज्ञानमती’’ पूरिये यदि मानिये अरजी।।११।।
दोहा
वासुपूज्य भगवंत तुम, गुण अनंत अविकार।
नमते ही भव अंत हो, मिले आत्म गुण सार।।१२।।
Tags:
Jain Poetries
Previous post
भगवान पुष्पदंतनाथ वन्दना
Next post
भगवान नेमिनाथ वन्दना
Related Articles
कविताएँ विडियो!
January 26, 2015
jambudweep
भगवान अभिनन्दननाथ वन्दना
January 18, 2020
jambudweep
नारी-अभिषेक
June 11, 2020
jambudweep
error:
Content is protected !!