भरत, भरत, भगवान, भक्त, भक्ति, भरोसा, भावना आदि ‘भ’ अक्षर से प्रारंभ होने वाले अनेक ऐसे शब्द है, जो भारतीय संस्कृति में अपना विशिष्ट महत्व रखते हैं। भारतीय महीनों में भाद्रपद भी ऐसा माह है, जो सर्व सामान्य को भद्र बनने की प्रेरणा देता है। पावस ऋतु में आने वाले इस भाद्रपद माह के अवसर पर ‘भ’ अक्षर से ही प्रारंभ होने वाले तीन शब्द भाषा, भूषा तथा भोजन विशेष रूप से विचारणीय है। इन तीनों शब्दों पर विचार कर इनका महत्व समझकर अपने आचार—विचार तथा व्यवहार मेंं इनका समुचित प्रयोग हमें भी भक्त से भगवान बनने की राह का पथिक बना सकता है, भद्र बना सकता है, भव्य बना सकता हैै। भारतवर्ष अपनी संस्कृति के लिये विश्वविख्यात है। वस्तुत: भारतीय संस्कृति संस्कारों की आधारभूमि है। अपनी संस्कृति की रक्षार्थ भद्र बनने के लिये हमें भाषा, भूषा और भोजन के विषय में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।