पूज्य स्वामीजी के साथ १०८ फुट भगवान ऋषभदेव प्रतिमा निर्माण में सम्पूर्ण मूर्ति निर्माण कमेटी ने अपने-अपने स्तर से महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया, लेकिन प्रमुख रूप से जिन्होंने अपना तन-मन-धन और समय का एक लम्बा अरसा व्यतीत किया, ऐसे दो महान व्यक्तित्व, डॉ. पन्नालाल पापड़ीवाल-पैठण (महामंत्री) एवं इंजी. श्री सी. आर .पाटिल-पुणे (मंत्री) के अवदान के प्रति हम श्रद्धा से उनका अभिवादन करते हैं।
डॉ. पन्नालाल पापड़ीवाल जी ने सतत् मांगीतुंगी में प्रवास करके मूर्ति निर्माण के कार्य को बहादुरी के साथ अंजाम दिया और पूज्य माताजी व स्वामीजी की भावनानुसार प्रतिदिन के लक्ष्य में सफलता हासिल की। इसी प्रकार इंजी. सी. आर.पाटिल जी ने भी पर्वत की ऊँचाइयों पर रहकर सदैव ही मौसम की अनुकूलता या प्रतिकूलता में भरसक मेहनत की और मूर्ति निर्माण के कार्य में ऐतिहासिक योगदान दिया।
विशेषरूप से तकनीकी योग्यताओं का आधार लेकर आपने इस कठिन कार्य को अनेक स्थानों पर सरलता के साथ निभाने का प्रयास किया और सफल हुए तथा प्रात: से सायंकाल और देर रात्रि तक भी इस कार्य की पूर्ति में आपने अनंत पुण्य अर्जित किया है। ऐसे इन दोनों ही व्यक्तित्वों की निष्काम सेवा, समर्पण, गुरुभक्ति एवं आज्ञापालन के प्रति आज हम दोनों स्तंभों का सादर अभिवादन करते हैं।
इसी प्रकार प्रारंभिक तौर पर आमदार जयचंद जी कासलीवाल-चांदवड़ एवं श्री जम्मनलाल जी कासलीवाल एडवोकेट-औरंगाबाद के योगदान भी भुलाएं नहीं जा सकते, जिन्होंने मूर्ति निर्माण की प्रारंभिक योजनाओं को मूर्तरूप प्रदान करने में बहुमूल्य सहयोग प्रदान किया है।
इस कार्य में अन्य व्यक्तित्वों का भी विशिष्ट सहयोग प्राप्त हुआ, जिसमें विशेषरूप से श्री महावीर प्रसाद जैन संघपति-दिल्ली, श्री कमलचंद जैन, खारीबावली-दिल्ली, श्री अनिल कुमार जैन, प्रीतविहार-दिल्ली, श्री नरेश बंसल-गुड़गाँवा, इंजी. श्री हीरालाल तात्या मेढेंगिरी-सांगली आदि की भूमिकाएं प्रशंसनीय एवं सराहनीय हैं।