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अयोध्या
मेरे देश की धरती ज्ञानमती माता से धन्य हुई है!
June 15, 2020
भजन
jambudweep
मेरे देश की धरती ज्ञानमती
तर्ज—मेरे देश की धरती……
मेरे देश की धरती ज्ञानमती माता से धन्य हुई है मेरे देश की धरती…… ।। टेक.।।
यह कृषि प्रधान है देश यहाँ, ऋषियों की तपस्या चलती है। ऋषियों……
यहां संस्कारों के उपवन में, मानवता छिप-छिप पलती है।। मानवता……
जहां सत्य, अिंहसा पालन की, पावनता मान्य हुई है, मेरे देश की धरती……।।१।।
जब तीर्थ अयोध्या की वसुधा, सुख शान्ति अमन थी चाह रही। सुख……
तब ज्ञानमती माँ को पाकर, जनता को खुशी अपार हुई।। जनता……
प्र
भु आदिनाथ के महामहोत्सव, से वह धन्य हुई है, मेरे देश की धरती……।।२।।
हस्तिनापुरी में जम्बूद्वीप, रचना तुमने साकार किया है । रचना……
इन्दिराजी को आशीर्वाद दे, ज्योति प्रवर्तन करा दिया। हां ज्योति……
उसके स्वागत में हर प्रदेश की, जनता धन्य हुई है, मेरे देश की धरती……।।३।।
साहित्य रचा शिष्यों को बना, चेतन निर्माण किया तुमने। चेतन……
‘‘चन्दनामती’’ तुम कृतियों की, यशसुरभी फैल रही जग में।। यश……
युग-युग तक अमर रहेगी तू, ब्राह्मी माँ सदृश हुई है, मेरे देश की धरती……।।४।।
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