पूर्वनाम : कु. रत्ना जैन
ग्राम : सागर (म.प्र.)
पिता, माता : स्व. श्री कमल कुमार जी, माया देवी जैन
जन्म : 01.07.1982/10वीं
शिक्षा परिवार : भाई – 1, बहन – 7
वैराग्य : संसार की असारता, अन्तःप्रेरणा
ब्रह्मचर्य व्रत : 28.04.2002, सागर (म.प्र.)
आर्यिका दीक्षा : 13.02.06, श्रवणबेलगोला (कर्ना.)
नाम : आर्यिका विकाम्याश्री माताजी
दीक्षा गुरु : प.पू. आ. श्री विरागसागर जी
गुरुमुख से अध्ययन : बालविज्ञान भाग 1,2,3,4, रत्नकरण्डक श्रावकाचार, मूलाचार, जैन सिद्धान्त प्रवेशिका, देवागमस्तोत्र, परीक्षामुख सूत्र, न्यायदीपिका, कातंत्ररुपमाला, छंदपंचविशंति, समाधितंत्र, आलाप पद्धति, स्वरुप संबोधन, इष्टोपदेश, धनंजय नाम माला, गोम्मटसार जीवकाण्ड, सर्वार्थ – सिद्धि, चौबीस ठाणा, जयधवलाजी, समयसार, धवलाजी, तत्त्वसार, प्रवचनसार, दशभक्ति संग्रह, अष्टपाहुड़, तिल्लोयपण्णति, प्रमेयरत्नमाला, पंचास्ति – काय, तत्त्वार्थसूत्र, द्रव्यसंग्रह, नियमसार, रयणसार आदि ।
रुचि : अध्ययन, वृद्ध सेवा
चातुर्मास : मेलचित्तामूर, उदगाँव, मुम्बई, गांधी नगर, लोहारिया, अजमेर, सीकर, कोटा |