पूर्व नाम श्रीमती मालती जैन
ग्राम: छपारा (म.प्र.)
पिता, माता : स्व. श्री कैलाश चन्द्र जी, स्व. सुहाग रानी जैन
जन्म, शिक्षा : 20.03.1954/मैट्रिक
परिवार : पति – श्री रमेशचन्द जैन
भाई – 3, बहन – 4, पुत्री – 1 : सत्संगति, संस्कार एवं सदुपदेश वैराग्य
ब्रह्मचर्य व्रत : 05.10.95, कुंडलपुर क्षे. (म.प्र.)
आर्यिका दीक्षा 15.11.98 भिण्ड (म.प्र.)
नाम : आर्यिका विनीतश्री माताजी
दीक्षा गुरु : प.पू. गणाचार्य श्री विरागसागर जी
गुरुमुख से अध्ययन : बालविज्ञान भाग 1, 2, 3, 4, रत्नकरण्डक श्रावकाचार, मूलाचार, जैनसिद्धान्त प्रवेशिका, देवागमस्तोत्र, परीक्षामुख सूत्र, न्यायदीपिका, कातंत्र रुपमाला, छंदपंचविशंति, समाधितंत्र, आलाप पद्धति, स्वरुप संबोधन, इष्टोपदेश, धनंजय नाममाला, गोम्मटसार जीवकाण्ड, सर्वार्थसिद्धि, चौबीस ठाणा, जयधवलाजी, समयसार, धवलाजी, तत्त्वसार, प्रवचनसार, दश -भक्ति संग्रह, अष्टपाहुड़, तिल्लोय- पण्णति, प्रमेयरत्नमाला, पंचास्तिकाय, तत्त्वार्थसूत्र, द्रव्यसंग्रह, नियमसार, रयणसार सर्वोदया टीका, परमात्म प्रकाश आदि ।
रुचि अध्ययन, मनन, चिन्तन
विशेष : पति- मुनि श्री विश्ववीरसागर जी
चातुर्मास : भिण्ड, शिखरजी, गयाजी, सिलवानी, सिवनी, नागपुर, मूडविद्री, मेलचित्तामूर, उदगाँव, मुम्बई, गांधीनगर, भिण्डर, व्यावर, जयपुर, इन्दौर।