पूज्यश्री का नाम – गणिनी आर्यिका सरस्वती माताजी
जन्मस्थान – भोज
जन्मतिथि व दिनाँक – २२ अगस्त, १९६१
जाति – चतुर्थ
माता का नाम- श्रीमति सुलोचना
पिता का नाम- श्री जिन्नप्पा नेजे
लौकिक शिक्षा – ९ वीं कक्षा पास
आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत/प्रतिमा-व्रत ग्रहण करने का विवरण – स्वयं ब्रह्मचर्य व्रत १९७८ भोज, २ प्रतिमा व्रत १९८५ सम्मेदशिखर जी पाश्र्वनाथ टुक द्वारा – आचार्य रत्न देशभूषण जी महाराज
आर्यिका दीक्षा तिथि, दिनाँक व स्थान – १६ दिसम्बर, १९९३ श्रवणबेलगोला आर्यिका दीक्षा गुरु -. आचार्य श्रमण रत्न सुबल सागर जी महाराज
आचार्य/उपाध्याय/गणिनी आदि पदारोहण तिथि व स्थान –गणिनीपद १५ मई, २०१३ पंचमी, उगार बुद्धक (कर्ना.) पदारोहणकर्ता – मुनि श्री १०५ गुणभूषण जी महाराज, माताजी भट्टारक
साहित्यिक कृतित्व -. अनेक शास्त्रों का संग्रह कर हिन्दी में से कन्नड, मराठी, श्रमणचर्या, अष्ट विधार्चन, बोडरा कारण, दशलक्षण चौसठ ऋद्धि विधान, पंचमेरु, भजन,सार समुच्चय, स्तोत्र सार संग्रह, शांतिविधान मतिसुधारक स्त्रींचा कर्तव्य,दीपावली पूजन, नवग्रह विधान, पंचकल्याण भक्तामर विधान, ऐसे अनेक ग्रंथ हिन्दी में से कन्नड, मराठी में किये हैं।
अन्य विशेष जानकारी – धान्य (अन्न त्याग) १० जुलाई, २००६, उगार बुदृक (कर्ना.)पंचकल्याण णमोकार, चारित्र शुद्धी व्रत, जिनगुण सपत्ति व्रत, भक्तामर,तत्त्वार्थ, षोडशकारण, रत्नत्रय, अनन्त जैसे अनेक व्रत उपवास किये।
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