प्रतिमा बना-बना के, प्रतिभावान बन गये।
स्वामी रवीन्द्रकीर्ति जी महान बन गये।।
माँ रत्नमती जी से संस्कार मिले सच्चे।
माँ ज्ञानमती जी के सपने हैं बड़े अच्छे।।
सपनों को पूरा करने का अरमान बन गये।
स्वामी रवीन्द्रकीर्ति जी महान बन गये।।१।।
बचपन से ही रवीन्द्र जी प्रतिभा के धनी हैं।
हो अंकगणित, बीजगणित सब में गुणी हैं।।
हर क्लास में प्रथमता, निष्णात बन गये।
स्वामी रवीन्द्रकीर्ति जी महान बन गये।।२।।
शिक्षा के साथ सीख ली व्यापार की कला।
भाई-पिता सब खुश बड़े बेटा बड़ा भला।।
माता-पिता, नगर का स्वाभिमान बन गये।
स्वामी रवीन्द्रकीर्ति जी महान बन गये।।३।।
माता-पिता ने ब्याह का संयोग बनाया।
पर भाई मोतीचंद ने गुरु दर्श कराया।।
गुरु-मंत्र मोक्षमार्ग के आधार बन गये।
स्वामी रवीन्द्रकीर्ति जी महान बन गये।।४।।
माँ ज्ञानमती जी में ऐसी है कुछ कला।
जिस पर हो कृपा दृष्टी उसका हुवा भला।।
शिष्यत्व अरु पुरुषार्थ की पहचान बन गये।
स्वामी रवीन्द्रकीर्ति जी महान बन गये।।५।।