धर्मनिष्ठ, कर्मनिष्ठ, गुरुभक्तपरायण, असीम शक्ति के धनी, अद्भुत कार्यक्षमता से युक्त, जम्बूद्वीप धर्मपीठ के पीठाधीश स्वामी रवीन्द्रकीर्ति जी महाराज ने अपनी पूर्व अवस्था में भी ब्र. रवीन्द्र कुमार जी के रूप में भारत में नहीं अपितु विश्व में धर्मध्वजा फहरायी है।
पीठाधीश क्षुल्लकरत्न श्री मोतीसागर जी महाराज के १० नवम्बर को समाधिमरण के उपरांत युगप्रवर्तिका, चारित्रचन्द्रिका गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी के द्वारा आगमोक्त संस्कारपूर्वक आपको पीठाधीश पद पर मनोनीत किया गया एवं माताजी की आज्ञा को शिरोधार्य कर आप इस दायित्व को स्वीकार करके तभी से इसका सम्यक् निर्वहन भी कर रहे हैं।
पीठाधीश पदारोहण के उपरांत आपके सान्निध्य में काकंदी, गणिनी ज्ञानमती दीक्षा तीर्थ, माधोराजपुरा तथा शिर्डी आदि स्थानों पर विभिन्न आयोजन सम्पन्न हुए हैं। आपके पीठाधीश पदारोहण पर प्रीतविहार-दिल्ली, औरंगाबाद, मांगीतुंगी, शिर्डी आदि अनेक स्थानों पर समाज द्वारा गौरव के साथ आपके अभिनंदन समारोह आयोजित किये गये हैं।
पूरे भारत से आपके लिए अभिनंदन एवं प्रशंसा के संदेश प्राप्त हुए हैं। आप इसी तरह पूज्य माताजी की प्रेरणा से समस्त धार्मिक कार्यों को सम्पन्न करते रहें और अपने नाम के अनुरूप सदा धर्मकीर्ति को रवीन्द्रकीर्ति के समान विश्वव्यापी बनायें, यही मंगल प्रार्थना एवं आपके दीर्घ व स्वस्थ जीवन की शुभकामनाएं हैं।